बूँद

बूँद
नयी कोपल सी जन्मी, बादलों से छिटकी,
हवाओं से खेलती, इठलाती, झूमती इतराती,
चल पड़ी धरती की ओर जन्म निभाने,
वजूद से अनभिज्ञ, भविष्य से अनजान,
हवा के कणो को लपेटती, तिरती सी, गिरी
इक पत्ती पर,
मिली अपनी सी
सखियों के साथ खेलती,
हुई समागम जाकर इक धारा में,
टकराती पत्थरों किनारों से,
जीवन के उतार चढ़ाव से,
फूलो को खिलाती, प्यास बुझाती, प्रचुर, समृद्ध, सफल सी,
गौरवान्वित, जोश ओज से, बढ़ती गयी धारा में,
उद्देश्य रहित, प्रारब्ध अनजान, पर चली,
उस जीवन अंत की ओर नमित, समर्पित,
प्रेम में डूब खोनेअपना वजूद,
जा मिली उस दिव्य सागर में,
बन गयी वो भी अथाह अनंत, प्रेम मय सागर सी
पहुँची वापस घर अपने, हुआ एहसास उस अथाह प्रेम का,
तैय्यार हो कर एक बार फिर से, वाष्पित हो, जा तिरी बादलों में
छिटकी, पुनर्जन्मित चल पड़ी, फिर से लेने जीवन अनुभव,
प्रेम में डूबने, खोने वापस से अपना वजूद,
नन्ही कोपल सी एक बूँद

- अनुपम २/१९/२०१८
Raindrop
Nascent innocence, Flirting with the wind,
Falling free spirited,
To live life,
Unaware of purpose,
Fell on a leaf, softly,
Coalescing with friends,
Playfully, Sprinkling beauty around,
Spreading abundance,
Merged in the flow,
Bumping into rocks, Turning with bends,
Of life, yet moving with vigor,
But then, with surrender & love,
Lost her ego,
Merged with Infinite divine,
Became, ‘The’ ocean itself,
At home,
Evaporated yet again, to the cloud,
To serve its purpose, to experience life,
yet again..
That nascent innocent raindrop.
- Anupam 2/19/2018

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